Friday, February 10, 2017

सवाल

काली रातों में टिमटिमाते तारे ऐसे लगते  हैं जैसे हकीकत के समंदर में ख़्वाबो के टापू  । तारों के होने से रोशनी तो नहीं मिलती मगर रोशनी होने का एह्शाश जरूर हो जाता है । ख्वाबो में रहकर हकीकत से छुटकारा तो नहीं मिलता मगर खुशनुमे हकीकत का एक नजारा जरूर मिल जाता है । अंधरे - रोशनी , ख़्वाब - हकीकत इनकी जद्दो जिहद में जिंदगी का कारवाँ आगे निकल ही चलता है । सवालों की गर्मी और जवाबों...